हमारा माली इसे मुर्गकेश कहता है-मुर्गे की कलगी नुमा फूल के कारण।)
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हँस रहा था और उसके बाल मुर्गे की कलगी की तरह लहरा रहे थे।
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अपने दोनों हाथ सरदारजी के हाथों में रखे वह मां की तरफ झुककर चिढ़ाते हुए बोला, '' तब चाचाजी मुझे गोली से उड़ा देंगे? '' वह हँस रहा था और उसके बाल मुर्गे की कलगी की तरह लहरा रहे थे।